लहर-लहर लहराये तिरंगा – 15 August 2019 Poem – शैलेन्द्रकुमार मिश्र

लहर लहर लहराये तिरंगा
बापू की याद दिलाये तिरंगा।
फहर फहर फहराये तिरंगा,
वीरों की याद दिलाये तिरंगा।।

अपनी ही शान में इठलाये तिरंगा,
आगे बढ़ने का भाव जगाये तिरंगा।
कुर्बानी की गौरव गाथा गाये तिरंगा,
जोश!उमंग!!मन में लाये तिरंगा।।

शरहद के वीर जांबाजों को नमन!
उनके रक्त की एक एक बूंद को मन।
चंदन समझ!सिर माथे लगाये तिरंगा,
वीरों की आन-बान को बढाये तिरंगा।।

अपनी धरती! अपनी मां-सी है यारों,
इस की माटी में हम जान लुटा देंगे।
अपने वतन! अपनी आबोहवा खातिर,
रक्त का कतरा -कतरा हम बहा देंगे।।

आवो!इस तिरंगे के लिए छोड़े जाति बंधन!
आवो!इस तिरंगे के लिए तोड़े धर्म बधन!!
आवो!इस तिरंगे के लिए जोड़े टूटे सब मन!
आवो!इस तिरंगे के लिए ढ़ूढे! खोये अपने जन।।

रचयिता—-शैलेन्द्रकुमार मिश्र,प्रवक्ता हिंदी,
सेंट थॉमस इन्टर कालेज, शाहगंज, जौनपुर,यू०पी
संम्पर्क—९४५१५२८६९६.

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